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भविष्य मालिका पुराण

ओड़िआ भविष्य मालिका ग्रंथों का अनुवाद

जगन्नाथ संस्कृति, भविष्य मालिका एवं विभिन्न सनातन शास्त्रों के अनुसार कलियुग का अंत हो चुका है तथा 2032 से सत्ययुग की शुरुआत होगी।
जगन्नाथ संस्कृति, भविष्य मालिका एवं विभिन्न सनातन शास्त्रों के अनुसार कलियुग का अंत हो चुका है तथा 2032 से सत्ययुग की शुरुआत होगी।
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जगन्नाथ संस्कृति, भविष्य मालिका एवं विभिन्न सनातन शास्त्रों के अनुसार कलियुग का अंत हो चुका है तथा 2032 से सत्ययुग की शुरुआत होगी।
जगन्नाथ संस्कृति, भविष्य मालिका एवं विभिन्न सनातन शास्त्रों के अनुसार कलियुग का अंत हो चुका है तथा 2032 से सत्ययुग की शुरुआत होगी।
जगन्नाथ संस्कृति, भविष्य मालिका एवं विभिन्न सनातन शास्त्रों के अनुसार कलियुग का अंत हो चुका है तथा 2032 से सत्ययुग की शुरुआत होगी।
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Bhavishya Malika Puran hindi cover

भविष्य मालिका पुराण ( भाग - 1 )

भविष्य मालिका पुराण (भाग - 1) 2023 में नोशन प्रेस द्वारा प्रकाशित एक हिंदी भाषा की पुस्तक है। यह 600 वर्ष पूर्व श्री अच्युतानंद दास जी एवं पंचसखाओं द्वारा लिखी गई भविष्य मालिका का हिंदी अनुवाद है। जिसे जगन्नाथ संस्कृति व भविष्य मालिका के परम विद्वान् पंडित श्री काशीनाथ मिश्र जी ने अपने 40 वर्षों से अधिक मालिका अध्ययन व शोध के पश्चात् लिखा है।
पुस्तक की अनुक्रमणिका निम्नलिखित अनुसार है -

  1. परिचय:‘भविष्य मालिका पुराण’ क्या है?

  2. लेखक की कलम से

  3. प्रस्तावना

  4. अध्याय 1: कलियुग के अंत काल में भविष्य मालिका की आवश्यकता

  5. अध्याय 2: ‘भविष्य मालिका’ ग्रंथों के रचयिता कौन हैं?

  6. अध्याय 3: चतुर्युग गणना के संबंध में विचार

  7. अध्याय 4: कौन-कौन-से पापकर्मों के द्वारा कलियुग का पतन होगा?

  8. अध्याय 5: धर्म संस्थापना के लिए भगवान विष्णु के दशावतार

  9. अध्याय 6: कलियुग का अंत होने के लक्षण

  10. अध्याय 7: म्लेच्छ किसे कहते हैं?

  11. अध्याय 8: चारों युगों में धर्मसंस्थापना और कलियुग में धर्म की संस्थापना का वर्णन

  12. अध्याय 9: कलियुग में भगवान के तीन अवतार होंगे

  13. अध्याय 10: विभिन्न शास्त्र, पुराण और भविष्य मालिका में भगवान कल्कि के अवतार से संबद्ध वर्णन

  14. अध्याय 11: कलियुग के पूरा होने के संबंध में श्रीजगन्नाथ क्षेत्र से मिले संकेत

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Bhavishya Malika Puran Part 2 hindi cover Bhavishya Malika Puran Part 2 hindi back cover Bhavishya Malika Puran part 2 available now Bhavishya Malika Puran with both front and back cover
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भविष्य मालिका पुराण ( भाग - 2 )

'भविष्य मालिका पुराण – भाग 2' वर्ष 2025 में नोशन प्रेस द्वारा प्रकाशित एक हिंदी भाषा की पुस्तक है। यह ग्रंथ 600 वर्ष पूर्व श्री अच्युतानंद दास जी एवं पंचसखाओं द्वारा रचित भविष्य मालिका का हिंदी अनुवाद (भाग 2) है, जिसे जगन्नाथ संस्कृति व भविष्य मालिका के परम विद्वान् पंडित श्री काशीनाथ मिश्र जी ने अपने 40 वर्षों से अधिक गहन अध्ययन और शोध के पश्चात लिखा है। 


इसमें भगवान कल्कि अवतार और धर्म संस्थापना से संबंधित गूढ़ तथ्यों को विस्तार से बताया गया है और यह समझाया गया है कि आने वाले समय में मानव समाज का उद्धार किस प्रकार होगा। 


पुस्तक की अनुक्रमणिका निम्नलिखित अनुसार है -


  1. लेखक की कलम से

  2. अध्याय 1: कलियुग का अंत, कल्कि अवतार, धर्म संस्थापना और भक्तों का उद्धार, "भविष्य मालिका"शास्त्र क्यों?

  3. अध्याय 2: संभल महात्म्य

  4. अध्याय 3: विभिन्न सनातन शास्त्रों में कलियुग अंत के प्रमाण

  5. अध्याय 4: भगवान महाविष्णु के मुख्य 10 अवतार

  6. अध्याय 5: कलियुग में भगवान के अवतार

  7. अध्याय 6: कल्कि नाम का महत्त्व

  8. अध्याय 7: भगवान कल्कि गुप्त में क्यों हैं?

  9. अध्याय 8: कल्कि भगवान कहां जन्म लेंगे?

  10. अध्याय 9: गुप्त संभल

  11. अध्याय 10: मिश्र ब्राह्मण

  12. अध्याय 11: भगवान श्रीकृष्ण और बलराम का समायोजन

  13. अध्याय 12: धवल गिरि में भगवान कल्कि

  14. अध्याय 13: भगवान कल्कि की बाल्य लीला

  15. अध्याय 14: भगवान कल्कि का भुवनेश्वर में सामाजिक रहन-सहन

  16. अध्याय 15: खंडगिरि में भगवान कल्कि की लीला

  17. अध्याय 16: भगवान कल्कि का संगठन “सुधर्म महा महासंघ”

  18. अध्याय 17: कल्कि भगवान की ध्वजा

  19. अध्याय 18: कलिभारत युद्ध

  20. अध्याय 19: तृतीय विश्व युद्ध

  21. अध्याय 20: वैश्विक आर्थिक मंदी

  22. अध्याय 21: पंचम प्रलय

  23. अध्याय 22: जल प्रलय

  24. अध्याय 23: भगवान कल्कि की संहार लीला

  25. अध्याय 24: रोग महामारी

  26. अध्याय 25: विकसित यंत्र युग का अंत

  27. अध्याय 26: भगवान कल्कि की विराट शक्ति

  28. अध्याय 27: “माधव” नाम का महत्त्व

  29. अध्याय 28: 2012 में कलियुग का अंत क्यों नहीं हुआ

  30. अध्याय 29: धर्म संस्थापना की मुख्य संख्या – 07, 17, 27, 13

  31. अध्याय 30: पापों का प्रायश्चित

  32. अध्याय 31: त्रिकाल संध्या

  33. श्री जगन्नाथ सहस्रनाम स्तोत्रम्

  34. श्री जगन्नाथाष्टकम्

  35. श्री महालक्ष्म्यष्टकम्

  36. लेखक पंडित काशीनाथ मिश्र का निवेदन

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जगन्नाथ संस्कृति, भविष्य मालिका एवं विभिन्न सनातन शास्त्रों के अनुसार कलियुग का अंत हो चुका है तथा 2032 से सत्ययुग की शुरुआत होगी।
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