भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध को लेकर देश में तनावपूर्ण माहौल बना हुआ है। पिछले महीने, पाकिस्तान से आए कुछ आतंकवादियों ने कश्मीर के पहलगाम क्षेत्र में एक अत्यंत निंदनीय घटना को अंजाम दिया, जिसमें कई बेकसूर लोगों की जान गई।
इसके जवाब में, 7 मई 2025 को भारत ने पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर मिसाइल हमला किया, जिससे दोनों देशों के बीच युद्ध की आशंका और भी गहरा गई है।
आज से लगभग 600 वर्ष पूर्व भविष्य मालिका ग्रंथ में अच्युतानंद दास जी और अन्य पांचसखाओं के द्वारा पाकिस्तान, चीन तथा 13 इस्लामी देशों के साथ भारत के परमाणु युद्ध का वर्णन किया गया है, जो आज धीरे धीरे सच साबित हो रही हैं।
भविष्य मालिका में भारत पाकिस्तान के बीच युद्ध की भविष्यवाणी
आज से 600 वर्ष पूर्व पंचसखाओं द्वारा रचित भविष्य मालिका में स्पष्ट रूप से भारत और पाकिस्तान के बीच घोर युद्ध होने की भविष्यवाणी की गई है। भविष्य मालिका के अनुसार यह मीन शनि चलन के बाद ही आरंभ होगा (अर्थात् 29 मार्च 2025 से 23 फरवरी 2028 तक), और वर्तमान में शनि चलन के दौरान इसकी शुरुआत हो चुकी है।
मीन शनि योग और तृतीय विश्व युद्ध का संबंध
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यह सारी सामग्री इस भविष्य मालिका की आधिकारिक (Official) वेबसाइट पर प्रकाशित है और कॉपीराइट द्वारा संरक्षित है। यदि आप वेबसाइट की किसी भी सामग्री का इंटरनेट पर उपयोग करना चाहते हैं, तो कृपया भविष्य मालिका ऑफिशियल वेबसाइट का लिंक अवश्य दें।
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“मीन शनि मेल गो होइब जेतेबेले,
से बेले समर हेब भारत मंडले।
एहि भारत संगे पाकिस्तानटि रंगे,
महासमर करिब जाणिथा बेगे।”
अर्थात, जब मीन राशि पर शनिदेव का चलन होगा, तब भारत का पाकिस्तान के साथ भीषण युद्ध होगा। भविष्य मालिका के अनुसार, कलियुग का अंत हो चुका है और अब दुष्टों के विनाश तथा भक्तों, संतों और साधुओं के उद्धार हेतु भगवान विष्णु के अंतिम अवतार, भगवान कल्कि के आगमन का समय आ चुका है।
अभी के समय शनि का मीन राशि में चलन हो चुका है, और वर्ष 2025 से 2028 के बीच की अवधि सम्पूर्ण मानवता के लिए महापरिवर्तन की अवधि होगी।
भारत पाकिस्तान युद्ध की शुरुआत का कारण
“एही भारत संग पाकिस्तान टी रंगे
कश्मीर पाई करीब समर घोर”
अर्थात, भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध का कारण कश्मीर ही बनेगा। इसके पश्चात यह तृतीय विश्व युद्ध में परिवर्तित हो जाएगा। इसकी शुरुआत पाकिस्तान ही करेगा और भारत को उकसाएगा।
वर्तमान घटनाएँ इस भविष्यवाणी की पुष्टि कर रही हैं और भविष्य मालिका सत्य सिद्ध हो रही है।
क्योंकि कश्मीर में आतंकवादी हमला पाकिस्तान द्वारा ही कराया गया था, और इसी के जवाब में भारत ने पाकिस्तान पर मिसाइल हमला किया।
13 इस्लामिक देशों, पाकिस्तान और चीन के एकत्रीकरण के साथ तृतीय विश्व युद्ध
महापुरुष लिखते हैं कि जैसे ही वह समय आएगा, जब सात दिनों तक ‘हीम पवन’ चलेगी और जीवधारियों की भारी मृत्यु होगी, उसके तुरंत बाद 13 इस्लामिक देश भारत के विरुद्ध एकजुट हो जाएंगे।
‘हीम पवन’ के बाद ये सभी देश एकत्र होकर एक मोर्चा बनाएंगे, और उस संगठन में वे एक-दूसरे का पूर्ण समर्थन करेंगे।
मालिका में लिखा है –
“तेरह टोपीया जिबे मिली
सेते बेले लागि जिबा कलि जुग कलि”
अर्थात, 13 इस्लामिक देश एक गठबंधन बनाएँगे और भारत के विरुद्ध खड़े होंगे। जब यह सब साकार होने लगेगा, तब विश्व युद्ध की शुरुआत होगी। यदि पाकिस्तान किसी देश से युद्ध में होगा, तो ये मुस्लिम राष्ट्र उसे आर्थिक, सैनिक एवं युद्ध सामग्रियों से सहयोग देंगे।
मक्का मदीना का वर्णन
“मक्का मदीना रे घोरा रण हेबा,
मरिबे विधर्मी गण”
अर्थात, मक्का-मदीना में भयंकर युद्ध होगा, जिसमें असंख्य विधर्मी मारे जाएँगे। इसका परिणाम उनके लिए अत्यंत विनाशकारी होगा, और यह समय अब दूर नहीं है। यह सब वर्ष 2025 से 2028 के भीतर घटित होगा।
तृतीय विश्व युद्ध की शुरुआत और भारत की भूमिका
महापुरुष अच्युतानंद दास जी ने 'गुप्तखेता मालिका' में स्पष्ट रूप से लिखा है। विश्व युद्ध की इस योजना में सबसे पहले भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध होगा, फिर पाकिस्तान चीन को भारत पर आक्रमण के लिए उकसाएगा, और दोनों ओर से भारत पर युद्ध थोप दिया जाएगा।
इसके पश्चात 13 इस्लामिक देश एक गठबंधन बनाएँगे और पाकिस्तान, चीन, तुर्की, अमेरिका तथा ईरान के साथ मिलकर भारत के विरुद्ध खड़े होंगे। जब यह सब साकार होने लगेगा, तब तृतीय विश्व युद्ध की शुरुआत होगी।
भारत की ओर से रूस, जापान, फ्रांस और जर्मनी शामिल होंगे और युद्ध करेंगे। विश्वभर में केवल भारत ही नहीं, अपितु एशिया, यूरोप तथा मध्य-पूर्व के सभी राष्ट्र अपनी-अपनी शक्ति का प्रदर्शन करने लगेंगे। और यही शक्ति प्रदर्शन अंततः युद्ध को जन्म देने वाली परिस्थितियाँ उत्पन्न करेगा।
भारत पाकिस्तान युद्ध का परिणाम

भविष्य मालिका के अनुसार, भारत, पाकिस्तान और चीन के बीच होने वाले युद्ध का परिणाम भारत के पक्ष में ही होगा। मालिका में लिखा है कि पाकिस्तान देश पूरी तरह बर्बाद हो जाएगा, और वह पश्चाताप करेगा तथा भारत के समक्ष आकर क्षमा और भिक्षा माँगेगा। इसी समय (अर्थात् जब घोर युद्ध चल रहा होगा) भारत मध्यस्थता करेगा, और पाकिस्तान भारत का ही हिस्सा बन जाएगा।
कलियुग में जो युद्ध होते हैं, वे शस्त्रों और आयुधों से लड़े जाते हैं। पहले युद्ध हथियारों से लड़ा जाएगा, और बाद में यह आध्यात्मिक शक्ति से लड़ा जाएगा। इसमें देवी-देवता, संत-महात्मा और भगवान कल्कि की नारायणी सेना भाग लेगी।
परमाणु शक्ति से भक्तों की रक्षा
“अग्नि र दाहिका शक्ति,
ताणि आणिबे जे कमला पति”
कल्कि अवतार परमाणु शस्त्रों की दाहक शक्ति को अपने हाथों में खींच लेंगे, सभी परमाणु अस्त्रों को निष्क्रिय कर देंगे, और सभी भक्तों की रक्षा भी करेंगे।
उस समय सम्पूर्ण विश्व और सभी शत्रु देश देखेंगे और अनुभव करेंगे कि जो परमाणु बम भारत पर गिराए गए थे, वे निष्फल हो गए, भारत को कोई भी नुकसान नहीं हुआ। उसी समय जब भगवान कल्कि नरसिंह रूप में प्रकट होंगे, तब उनका रूप इतना उग्र और अपराजेय होगा कि कोई भी उन्हें रोक नहीं सकेगा। वे समस्त अधर्म और म्लेच्छ शक्तियों का विनाश करेंगे और सतयुग की पुनर्स्थापना करेंगे।
निष्कर्ष
वर्तमान मीन शनि काल ही वह समय है, जब पापियों का विनाश और भक्तों की रक्षा होगी। माधव नाम, त्रिकाल संध्या और भागवत महापुराण ही रक्षा का एकमात्र मार्ग हैं। भविष्य मालिका की भविष्यवाणियाँ हमें चेतावनी देती हैं कि तृतीय विश्व युद्ध से केवल आध्यात्मिक शक्ति और प्रभु की कृपा से ही रक्षा संभव है।