अच्युतानंद दास जी और अन्य सखाओं द्वारा लिखित पवित्र ग्रंथ ‘भविष्य मालिका’ उड़िया भाषा में 14वीं और 15वीं शताब्दी के बीच रचित किया गया। इस ग्रंथ में कलियुग के अंत और भगवान कल्कि के अवतार का वर्णन मिलता है।
भविष्य मालिका के अनुसार वर्ष 2025 पूरे विश्व के लिए भारी साबित हो सकता है। इसी वर्ष 29 मार्च 2025 को मीन राशि चलन होगा, जिससे मानव समाज को अनेक आपदाओं का सामना करना पड़ेगा। शनि देव का मीन राशि में उत्तराभद्र नक्षत्र में प्रवेश इस दुनिया के लिए संकट का कारण बनेगा और तृतीय विश्व युद्ध की भी शुरूआत होगी।
मालिका के अनुसार इसी साल से धर्म स्थापना का कार्य तीव्र गति से आगे बढ़ेगा और कई दुष्टों का अंत भी होगा।
2025 में होने वाली घटनाएं
भविष्य मालिका के अनुसार, इस वर्ष में मीन राशि में शनि देव पूर्ण रूप से प्रवेश करेंगे, जिससे पूरे विश्व में बड़ा परिवर्तन देखने को मिलेगा। 2025 वर्ष में कई महत्वपूर्ण घटनाएँ होने की संभावना है, विशेष रूप से मीन राशि में शनि योग के प्रभाव से। यह दुर्लभ संयोग वैश्विक स्तर पर गंभीर बदलाव ला सकता है। प्रमुख संभावित घटनाओं में शामिल हैं:
तृतीय विश्व युद्ध
2025 के बाद कई युद्ध होंगे और तृतीय विश्व युद्ध भी होगा। तृतीय विश्व युद्ध में कई देश एक-दूसरे के खिलाफ युद्ध करेंगे। भविष्य मालिका में उल्लेख है कि इन युद्धों में से एक भारत और 13 इस्लामिक देशों के बीच भी होगा। भविष्य मालिका के अनुसार, तृतीय विश्व युद्ध में परमाणु बमों का उपयोग भी होगा, जिससे व्यापक स्तर पर विनाश होगा।
आर्थिक संकट और महंगाई
भविष्य मालिका के अनुसार वर्ष 2025 से वैश्विक स्तर पर महंगाई तेजी से बढ़ेगी, जिससे आवश्यक वस्तुओं की कीमतें आसमान छू सकती हैं और आम लोगों को गंभीर कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा। इसके अलावा, व्यापार और अर्थव्यवस्था में भी भारी अस्थिरता आएगी, जिससे वैश्विक वित्तीय संकट और आर्थिक अनिश्चितता बढ़ सकती है।
प्राकृतिक आपदाएँ और दुर्घटनाएँ
2025 के बाद से भूकंप, बाढ़ और सुनामी जैसी प्राकृतिक आपदाओं की तीव्रता बढ़ेगी, जिससे हजारों घर नष्ट हो सकते हैं। साथ ही, सड़क, रेल और वायु दुर्घटनाओं में अप्रत्याशित वृद्धि होगी, जिससे जान-माल का भारी नुकसान होगा। वहीं, कैलिफ़ोर्निया जैसे क्षेत्रों में भयंकर आग लगेगी, जिस पर नियंत्रण पाना बेहद कठिन होगा।
गंभीर महामारी और स्वास्थ्य संकट
भविष्य मालिका के अनुसार कोरोना से भी अधिक भयंकर बीमारी फैलेगी, जिसका कोई इलाज संभव नहीं होगा। डॉक्टर और वैद्य इस बीमारी को पहचानने और समझने में असमर्थ रहेंगे, और दी गई औषधियाँ प्रभावहीन साबित होंगी। साथ ही, वात, कफ और अन्य असाध्य रोगों के कारण बड़ी संख्या में लोगों की मृत्यु होगी, जिससे वैश्विक स्तर पर भय और अराजकता फैल जाएगी।
धार्मिक और आध्यात्मिक संकेत
भविष्य मालिका मे लिखा है कि भगवान गुप्त लीलाएँ करेंगे, जिन्हें केवल सच्चे भक्त ही समझ पाएंगे। इसी दौरान, 64 योगिनी माता और चामुंडा माता का संहारक रूप प्रकट होगा और संहार आरंभ होगा। पशु बलि के बढ़ते प्रचलन के कारण देवियों का प्रकोप बढ़ेगा, जिससे अज्ञात और रहस्यमयी घटनाएँ घटेंगी। कुछ लोगों को अज्ञात आवाजें सुनाई देंगी, जिससे उनके कान, नाक और मुँह से रक्त प्रवाहित हो सकता है, जिससे भय और अराजकता का वातावरण बनेगा और यह सब 2025 से शुरू हो जाएगा।
सामाजिक और पारिवारिक परिवर्तन
भविष्य मालिका के अनुसार 2025 के बाद से परिवारों में असामयिक मृत्यु होने लगेगी—कहीं दादा के रहते पोता मरेगा, तो कहीं पोते के रहते दादा की मृत्यु होगी। इससे परिवारों में शोक और अस्थिरता का माहौल बनेगा। मनुष्यों का मोल-भाव होने लगेगा, और वे व्यापार की वस्तु बन जाएंगे, जिससे नैतिकता और मानवता का ह्रास होगा। लोग भौतिक सुखों में इतने लिप्त हो जाएंगे कि वे एक-दूसरे की संपत्ति के लिए अत्यधिक लोभ में पड़ेंगे, जिससे समाज में द्वेष, छल और अपराधों की वृद्धि होगी।
भविष्य मालिका में ये सब क्यों लिखा गया है?
"ये सभी घटनाएँ 2025 से शुरू होंगी और आने वाले कई वर्षों तक चलेंगी। यह नहीं कहा जा सकता कि सब कुछ एक साथ होगा।भविष्य मालिका केवल पवित्र ग्रंथों की एक श्रृंखला नहीं है, जो भविष्यवाणियाँ करने तक सीमित हो, बल्कि यह मानव जाति के उत्थान, मुक्ति और उद्धार का मार्ग भी प्रदान करती है।पंचसखा ने 600 साल पहले कई ऐसी घटनाओं की भविष्यवाणी की थी, जो कलियुग के अंत या उसके अंतिम चरण का संकेत देती हैं।
इन भविष्यवाणियों के प्रभाव वर्तमान में पूरे विश्व में तृतीय विश्व युद्ध की स्थिति, देशों के बीच परमाणु युद्ध, भू-राजनीतिक परिवर्तन, जलवायु परिवर्तन और प्राकृतिक आपदाओं के रूप में देखे जा सकते हैं, जिनका प्रभाव भारत पर भी पड़ सकता है।यह समझना आवश्यक है कि उपरोक्त सभी भविष्यवाणियाँ पहले ही उल्लेखित की जा चुकी हैं। इसका उद्देश्य मानवता को सचेत करना है, न कि डर या अराजकता फैलाना।
इन सभी घटनाओं का कारण क्या है?
यह इसलिए हो रहा है क्योंकि कलियुग समाप्त हो चुका है और यह धर्म की स्थापना का समय है।
शास्त्रों में कलियुग की कुल अवधि 432,000 वर्ष बताई गई है, लेकिन भविष्य मालिका और अन्य ग्रंथों के अनुसार, कलियुग की वास्तविक अवधि केवल 5,000 वर्ष ही निर्धारित की गई थी और अब यह समाप्त हो चुका है।
पूज्य पंडित काशीनाथ मिश्राजी ने अपने 40 वर्षों का जीवन केवल भविष्य मालिका, जो ओड़िया भाषा में लिखा गया है, को डिकोड करने में समर्पित किया है। उन्होंने इसे कई भाषाओं में अनुवादित किया है और आम लोगों के लिए उपलब्ध कराया है। अब यह मानवता पर निर्भर है कि वह इन अनुवादों को पढ़े, भगवान महाविष्णु की शरण में जाए और उनकी कृपा प्राप्त करे।
निष्कर्ष
2025 एक चुनौतीपूर्ण वर्ष हो सकता है, जिसमें तृतीय विश्व युद्ध की संभावना, प्राकृतिक आपदाएँ, आर्थिक संकट, स्वास्थ्य संबंधी समस्याएँ और आध्यात्मिक घटनाएँ शामिल होंगी। ऐसे समय में एकमात्र उपाय हैं: त्रिसंध्या, माधव नाम जाप और श्रीमद् भागवत महापुराण का पाठ । इनसे हृदय शुद्ध होगा और कोई भी नकारात्मक ऊर्जा आपके शरीर को प्रभावित नहीं कर सकेगी। इसलिए, सभी को नियमित रूप से इस धारा का पालन करना चाहिए, जिससे आने वाली विपत्तियों से रक्षा मिलेगी और भगवान की अपार कृपा भी प्राप्त होगी। हमारी वेबसाइट पर आपको भविष्य मालिका से संबंधित वह सब कुछ मिलेगा जो आप जानना चाहते हैं।