🙏🌷जय श्री माधव🌷🙏
त्रिसंध्या, भागवत पुराण पठन और माधव नाम जाप के नियमित अभ्यास के बाद, मुंबई (उल्हासनगर) में पिताश्रीजी की कथा में सम्मिलित होने का अवसर मिला। सभा स्थल पर पहुँचते ही एक विशेष अनुभूति हुई—प्रभुजी के सेवक (बृजमोहन भैया) के समीप से अत्यंत मधुर चंदन की सुगंध आई, जबकि उन्होंने कोई इत्र नहीं लगाया था। यह प्रभुजी की सूक्ष्म उपस्थिति का संकेत था।
एक अन्य दिन त्रिसंध्या के समय पीछे से किसी के हथेली से छूने जैसा अनुभव हुआ, लेकिन पीछे कोई नहीं था। यह प्रभुजी के स्नेह और आशीर्वाद की अनुभूति थी।
आप सभी को हमारा सादर प्रणाम🙏🏻🙏🏻🙏🏻
सभी को जय श्री माधव 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🕉
- Dr. Revathi