हमारे पिताजी ने कुछ महीनो पहले हमारे घर और दुकान का निर्माण का कार्य किया था। जिस में हम सभी को पता ही इसमें खर्च💰 काफी ज्यादा होता हे। घर और दुकान के काम का खर्च तो हो ही रहा था की उन्ही दिनों में हमारी बहन का रिश्ता पक्का हो गया। घर के काम का बोज तो पहले से पिताजी पर था अब उस के साथ ही बेहेन के शादी का भी टेंशन पिताजी पर बढ़ गया।😢
दुकान ,घर और शादी का खर्च काफी बढ़ गया था तो पिताजी ने सभी खर्चो को संभालने के लिया हमारा पुराना घर बेचने का सोचा। पिताजीने हमारा पुराना घर बेच कर और अपने सारे सेविंग यहाँ तक की उनका पूरा बिज़नेस कैपिटल को घर, दुकान और बेहेन के शादी में लगा दिया।
दुकान और गोडाउन का काम तो पूरा हो गया था पर अब पिताजी के पस बिज़नेस बढ़ाने के लिए पैसे नहीं बचे थे। जितना माल बचा था उस पर ही अब दुकान चल रहा था। दुकान में माल काम हो गया था, दुकान की लोकेशन बदलने की वजहसे कस्टमर भी कम हो गए थे। इन सभी बातोंका पिताजी पर टेंशन था ही की अचानक एक दिन जिस को हमने हमारा पुराना घर बेचा था उस ने आकर बोला की हमारा घर किसी कारणवश उनके नाम पर नहीं हो रहा था। उस वजहसे से पिताजी को बोहोत परेशानी हुई। लेकिन पिताजी ने ये बात मुझे काफी दिनोतक पता चलने नहीं दी।
एक दिन हमारी माँ ने बातो - बातो ये सारी बात हम से केहदी। ये सुनकर बुरा तो लगा था पर मनमे माधव महाप्रभु पर दृढ विश्वास था की प्रभु हमारी निश्चित ही सहायता करेंगे। हम ने उसी दिन से त्रिसिंध्या करते समय अंत में प्रभु से विनती करता रहा की जल्द - से - जल्द वो घर उस आदमीके नाम हो जाए और हमारे पिताजी की परेशानी कम हो जाए। इसी तरह में माधव प्रभु से त्रिसिंध्या करते समय विनती करता रहा और एक से दो हफ्तों में ही गवर्मेंट ऑफिस से पिताजी को कॉल आया और उन्होंने पिताजी को बताया की गवर्मेंट ने कुछ रूल्स में चेंजेस किये हे और बस एक दस्तखत से ही प्रॉपर्टी सामने वाले के नाम हो जायेगा। जो बात पिताजी ने हमसे छुपाया था, जब उस का हल निकला तो माधव प्रभु ने ऐसी रचना की कि हमारे सामने ही लीगल काम पूरा हुवा और हमने पिताजी को अपनी आँखों से खुश होते देखा।😊
इसी तरह त्रिसिंध्या से हमारे जीवन में काफी बदलाव हुए हैं , मन में शांति रहती है। हमारा स्वभाव भी काफी सहज हो गया हे और साथ ही साथ प्रभुजी का अपने निकट होने का आभास भी होता है। ये सत्य है की कलियुग का अंत हो गया है और आने वाली सभी समस्या और खंड प्रलय से सुरक्षा हेतु माधव नाम जप, त्रिसंध्या, भगवत महापुराण पाठ ये ही सर्वोपरि उपाय है।
जय श्री माधव🙏🙏 सादर प्रणाम🙏
- Omkar