🌷जय श्री माधव 🌷
मैंने सभा में पंडित काशीनाथ मिश्राजी से मन ही मन प्रार्थना की कि कृपया अपना परिचय दें। तब कथा सुनते-सुनते मेरी दृष्टि पंडितजी पर स्थिर हो गई और मैंने उनके सिर के पीछे दिव्य प्रकाशपुंज (कोरोना) देखा — श्वेत आभा का मंडल। जहाँ गुरुजनों के पीछे पीली आभा होती है, वहीं देवताओं के पीछे श्वेत प्रकाश होता है — यह मैंने पहले पढ़ा था। उसी क्षण मुझे आभास हुआ कि पंडितजी कोई साधारण व्यक्ति नहीं, बल्कि स्वयं एक दिव्य शक्ति हैं।
आप सभी को हमारा सादर प्रणाम🙏🏻🙏🏻🙏🏻
सभी को जय श्री माधव 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🕉
- Dr. Revathi