🙏 जय श्री माधव 🙏

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जो व्यक्ति केवल नाम ही जप करते है क्या उनका उद्धार हो पाएगा ?

कृपया हिंदी में और सही लिखें, अधिकतम सीमा - 300 अक्षर
210 Views 13 May 2025
@MadhuKumari Madhu Kumari Profile Pic on Bhavishya Malika Website
1 months ago

 पुराणों और शास्त्रों में नाम-जप का अत्यधिक महत्व  बताया गया है- 


रामचरितमानस से वर्णन -


"कलियुग केवल नाम अधारा, 
 सुमिर सुमिर नर उतरहिं पारा।"

 - तुलसीदास, रामचरितमानस



कलियुग में भगवान के दिव्य नाम का जाप ही जन्म-मृत्यु के चक्र से मुक्ति का सबसे सरल और प्रभावी मार्ग है। इस युग में तप, योग और अन्य कठिन साधन पहले की तुलना में कम प्रभावशाली हैं, जबकि प्रभु के नाम का जाप सबसे श्रेष्ठ साधन है।


भागवत महापुराण से वर्णन- 


 “सांकेत्यं पारिहास्यं वा स्तोभं हेलनमेव वा l 
वैकुण्ठ-नाम-ग्रहणमशेषाघहरं विदुः” 

- श्रीमद्भगवद् महापुराण के स्कंद 6, अध्याय 2, श्लोक 14 


 जो मनुष्य भगवान का पवित्र नाम जपता है, वह असीमित पापों के फल से तुरंत मुक्त हो जाता है, चाहे वह इसे अप्रत्यक्ष रूप से, मज़ाक में, संगीतमय मनोरंजन के लिए या उपेक्षापूर्वक ही क्यों न जपे। इस तथ्य को शास्त्रों के सभी विद्वानों ने भी स्वीकार किया है। 


चैतन्य चरितामृत से वर्णन-


  “तारा मध्ये सर्वश्रेष्ठ नाम-संकीर्तन 
   निरापरधे नाम लेले पय प्रेम-धन” 

- चैतन्य चरितामृत, अन्त्य लीला, 4.71


 भगवान के पवित्र नाम का निरंतर जप करना भक्ति की नौ प्रक्रियाओं में सबसे महत्वपूर्ण प्रक्रिया है l जो मनुष्य किसी भी प्रकार का अपराध नहीं करता है और जप करते रहता है । वह सरलता से प्रभु के दिव्य प्रेम स्वरूप धन को प्राप्त कर लेता है l 
जगन्नाथ संस्कृति, भविष्य मालिका एवं विभिन्न सनातन शास्त्रों के अनुसार कलियुग का अंत हो चुका है तथा 2032 से सत्ययुग की शुरुआत होगी।
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