🙏 जय श्री माधव 🙏

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युग गणना के विषय में अथर्ववेद में क्या कहा गया है?

कृपया हिंदी में और सही लिखें, अधिकतम सीमा - 300 अक्षर
शतं तेऽयुतं हायनान्द्रे युगे त्रीणि चत्वारि कृण्मः।
इन्द्राग्नी विश्वे देवास्तेऽनु मन्यन्तामहृणीयमानाः॥
- अथर्ववेद (8.2.21)

है बालक मैं तेरी अवस्था के 100 वर्ष को हजार वर्ष हजार वर्षों को दो युग दो युगों को तीन युग और तीन युगों को चार युग बनाता हूं। इस प्रार्थना को प्रसिद्ध इंद्र अग्नि तथा विश्व देव लज्जा अथवा क्रोध न करते हुए स्वीकार करें।

अर्थात यह परम् ब्रह्म परमात्मा के अधिकार में है कि वह किसी भी युग की आयु को कम या अधिक कर सकते हैं और उसे सभी को स्वीकार करना ही होगा।

जगन्नाथ संस्कृति, भविष्य मालिका एवं विभिन्न सनातन शास्त्रों के अनुसार कलियुग का अंत हो चुका है तथा 2032 से सत्ययुग की शुरुआत होगी।
जगन्नाथ संस्कृति, भविष्य मालिका एवं विभिन्न सनातन शास्त्रों के अनुसार कलियुग का अंत हो चुका है तथा 2032 से सत्ययुग की शुरुआत होगी।
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