🙏 जय श्री माधव 🙏

@VijaySingh Vijay Singh Profile Pic on Bhavishya Malika Website

भगवान कल्कि का जन्म कब और कहाँ होगा ? हम भगवान कल्कि का दर्शन कैसे कर पाएंगे?

कृपया हिंदी में और सही लिखें, अधिकतम सीमा - 300 अक्षर
@MadhuKumari Madhu Kumari Profile Pic on Bhavishya Malika Website
6 days ago

भविष्य मालिका ग्रंथ में बताया गया है कि भगवान श्री  कल्कि जो भगवान श्री विष्णु जी के दसवें अवतार है, वो कब और कहाँ होगा?


 भविष्य मालिका के अनुसार जब शास्त्रों के नियमों का कोई पालन नहीं करेगा, मनुष्य कृत पापों के कारण धरती पर बार-बार भूकम्प होने लगेंगे, समुद्र का जल स्तर बढ जाएगा, रोग आदि बहुत सी बीमारियाँ मानवता को ग्रास करने लगेंगी, तब भगवान विष्णु अपना वैकुण्ठ धाम छोड़ कर मानव शरीर में जन्म लेंगे और साधारण मानव की भाँति लीला करेंगे । 

कल्कि अवतार के जन्म का भविष्य मालिका ग्रंथ में स्पष्ट प्रमाण -  


महापुरुष अच्युतानंद दास जी ने अपने मालिका ग्रंथ में भगवान श्रीकृष्ण और भक्त शिरोमणि गरुड़जी के संवाद का वर्णन किया है। इस वार्ता में श्रीकृष्ण कहते हैं कि कलियुग का भोग 4,32,000 वर्षों का नहीं होगा। मनुष्यों द्वारा किए गए पापकर्मों के कारण इसकी अवधि केवल 5,000 वर्षों में ही समाप्त हो जाएगी। इसके बाद, मैं अपने जगन्नाथ रूप को छोड़कर, जाजपुर में भगवान विष्णु का यशगान करने वाले एक पवित्र ब्राह्मण भक्त के घर मानव रूप में जन्म लूँगा।  

"कलंकी र सीमा काल पुरि ,
 गले कल्कि विष्णुजसा पुरे ।
 सम्बल ग्रामरे जात होईथिबे, 
म्लेच्छ संहार कालरे ।" 
- अच्युतानंद दास (तेरह जन्म शरण )


अर्थात महापुरुष अच्युतानंद दास जी अपने ग्रंथ तेरह जन्म शरण में स्पष्ट करते हैं कि कलियुग की अल्प अवधि समाप्त होने के बाद महाप्रभु संभलग्राम(ओडिशा) में विष्णुयश गान करने वाले एक ब्राह्मण के घर जन्म लेंगे। यह समय म्लेच्छों के विनाश का होगा। 

 (मालिका के अनुसार, मांसाहारी, जुआरी, शराबी या नशीले पदार्थों का सेवन करने वाले व्यक्ति को म्लेच्छ कहा गया है।) 

 महाभारत में भी एक श्लोक आता है -

 “कल्कि विष्णु यशा नाम द्विज काल प्रचोदिता। उत्पत्सितो महावीय्यर्यो महाबुद्धि पराक्रम।” 
- महाभारत 


अर्थात ब्राह्मण कुल तथा विष्णु का यशगान करने वाले ब्राह्मण के घर में जन्म लेंगे, और उनका मुख्य उद्देश्य कलियुग में फैल रहे अधर्म का अंत कर धर्म की पुनः स्थापना करना होगा। यह श्लोक उनकी अद्वितीय शक्ति, धैर्य और बुद्धिमत्ता को दर्शाता है। वे प्रत्येक अधर्मी का अंत कर धर्म का पुनरुत्थान करेंगे। 

भविष्य मालिका के अनुसार भगवान कल्कि की कृपा, अनुभूति और उनके दर्शन प्राप्त करने के लिए त्रिसंध्या, माधव नाम का जप और श्रीमद्भागवत महापुराण का नित्य पठन करना आवश्यक है। इसके द्वारा भगवान कल्कि के दर्शन भी प्राप्त होंगे और इसका सच्ची श्रद्धा, भक्ति, प्रेम और पूर्ण विश्ववास के साथ पालन करने से   अनंतयुग (सतयुग) में प्रवेश भी पा सकते है। 


जगन्नाथ संस्कृति, भविष्य मालिका एवं विभिन्न सनातन शास्त्रों के अनुसार कलियुग का अंत हो चुका है तथा 2032 से सत्ययुग की शुरुआत होगी।
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