
क्या कोई लड़की त्रिकाल संध्या धारा का पालन कर सकती है?
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13 Jun 2025
हाँ, कोई भी लड़की या स्त्री त्रिकाल संध्या कर सकती है। त्रिकाल संध्या एक आध्यात्मिक साधना है जो आत्मा की शुद्धि, प्रभु से जुड़ाव और कल्याण के लिए की जाती है। यह केवल पुरुषों तक सीमित नहीं है।
कुछ महत्वपूर्ण बातें:
- त्रिकाल संध्या का समय – प्रातः, मध्यान्ह और संध्या (तीन बार)
- गायत्री मंत्र, माधव नाम स्मरण, ध्यान, और शुद्ध भावना आवश्यक है।
- शास्त्रों में कहीं भी स्त्रियों को इससे वंचित नहीं किया गया है, बल्कि भावना और भक्ति को ही प्रधानता दी गई है।
- केवल मासिक धर्म के समय में श्रीमद् भागवत महापुराण का पठन या श्रवण नहीं करना है।
त्रिकालसंध्याया: फलं ब्रूते स्मृतेस्त्विदं ।पापं तिष्ठति न कदाचन ॥मध्यान्हे ध्यानसंयुक्तं पापान्नश्यति तत्क्षणात्। सायं संध्या करोत्येष जीवन्मुक्तो न संशयः ॥- भविष्य मालिका
अर्थ: जो त्रिकाल संध्या को स्मरण करता है, वह पाप से मुक्त होता है। मध्यान्ह में ध्यान सहित की गई संध्या तत्काल पापों को नष्ट करती है। सायंकाल संध्या करने वाला निःसंदेह जीवन में ही मुक्त हो जाता है।
येन कर्मणा सन्द्यां उपास्ते त्रिकालवित्। स ब्रह्मणा सह मोदेत ब्रह्मलोकं स गच्छति॥"- मनु स्मृति
अर्थ: जो त्रिकाल संध्या का नियमपूर्वक पालन करता है, वह ब्रह्मा के साथ ब्रह्मलोक में निवास करता है।