पुराण क्या हैं और इनकी रचना क्यों हुई?

श्रृष्टि की उत्पति से अब तक भगवान के अनेकों अवतार हो चुके हैं।
भगवान के अनंत अवतारों का वर्णन जिन ग्रंथों में मिलता है उन्हें पुराण कहते हैं।
पुराणों की रचना भक्ति, ज्ञान, वैराग्य के द्वारा भगवद् प्राप्ति करने के लिए की गयी है।
भगवान के अनंत अवतारों में जितनी लीलाएं भगवान मृत्यु लोक में करते हैं, भक्तों के चरित्र का वर्णन, भूत और भविष्य का वर्णन उन सब लीला कथाओं का वर्णन पुराणों के माध्यम से स्वयं भगवान के निर्देश से किया जाता है।
जिससे कि मनुष्य उन लीला कथाओं को पढ़ सके और अनुसरण कर के मुक्ति और परम पद को प्राप्त कर सके।