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ब्रह्म वैवर्त पुराण में कलयुग अंत के विषय में क्या कहा गया है?
कृपया हिंदी में और सही लिखें, अधिकतम सीमा - 300 अक्षर
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Manish Vaswani Ji
9 months ago
कलौः पञ्चसहस्रे च गते वर्षे च मोक्षणम्।
युष्माकं सरितां भूयो मद्गृहे चागमिष्यथ॥- ब्रह्म वैवर्त पुराण (पेज 202, श्लोक 89, प्रकृति खंड, अध्याय 6)
माँ लक्ष्मी, सरस्वती और गंगा को आपस में शाप के कारण पृथ्वी पे अवतीर्ण होना पड़ा। उनके उद्धार के विषय में प्रभु बता रहे है की कलियुग के पांच सहस्त्र वर्षो के पश्चात आपका मोक्ष होगा और नदी के रूप से मुक्त होकर आप वापस मेरे पास वैकुण्ठ में आ जाओगी।
कलेः पञ्चसहस्राणि वर्षाणि तिष्ठ भूतले।
पापानि पापिनो यानि तुभ्यं दास्यन्ति स्नानत॥
मन्मन्त्रोपासकस्पर्शाद्भस्मीभूतानि तत्क्षणात्।
भविष्यन्ति दर्शनाच्च स्नानादेव हि जाह्नवि॥- श्लोक 50, कृष्ण जन्म खंड, अध्याय 129
श्रीकृष्ण ने कहा- हे गंगा, तुम कलियुग में पांच हजार वर्ष तक पृथ्वी पर रहोगी। तुम्हारे जल में स्नान कर के मंत्रों के जाप से और तुम्हारे दर्शन करके पुण्य कमाने वाले भक्तो के सभी पाप नष्ट हो जाएंगे।
मद्भाक्ताशुन्य पृथ्वी कलिग्रस्त भविष्यति।
एतस्मिन्नन्तरे तत्र क्रिश्नादेहद्विनिर्गतः॥- श्लोक 60, कृष्ण जन्म खंड, अध्याय 129
मेरे भक्तो से रहित पृथ्वी कलि के प्रभाव से ग्रसित हो जायेगी। ऐसा कहके श्री कृष्ण ने देहत्याग कर दिया।