
कलियुग के अंत में जो व्यक्ति बचेंगे, उन्हें सत्ययुग में जाने के बाद कलियुग का जीवन काल तथा सब कुछ स्मरण रहेगा?
सत्ययुग में प्रवेश करने के बाद मनुष्य को कलियुग की स्मृति नहीं रहेगी, ऐसा पारंपरिक ग्रंथों और आध्यात्मिक मतों में कहा गया है।कलियुग का अंत हो चुका है और अभी संगम युग चल रहा है। आज चारों ओर विश्व में वातावरण,परिवेश और ग्रह नक्षत्रों की स्थिति में परिवर्तन हो रहा है।आने वाले समय में आद्य सत्ययुग का प्रकाश होगा।
सत्ययुग को "पूर्ण शुद्धता और चेतना" का युग माना जाता है,जहाँ
*आत्मा अपने पूर्णपवित्र स्वरूप में होती है,
*वहाँ द्वैत, पाप और दुःख की कोई स्मृति नहीं होती,
*पूर्व जन्म की कोई याद या पापकाल की स्मृति वहाँ नहीं जाती क्योंकि वह चेतना पूर्ण सात्विक होती है।
इसका एक आध्यात्मिक अर्थ यह भी होता है कि सत्ययुग में जाने के लिए आत्मा को शुद्धिकरण से गुजरना होता है,जिससे कलियुग की अशुद्धियां (मन,कर्म,स्मृति में व्याप्त) मिट जाती हैं।
निष्कर्ष:-
कलियुग की स्मृति सत्ययुग में नहीं रहती, क्योंकि आत्मा उस समय पूर्ण निर्मल चेतना में होती है।
संगम युग एक आध्यात्मिक संक्रमण काल है, जो आत्मिक जागृति और परिवर्तन का काल है।
इस समय धर्म के मार्ग पर चलना ही आत्मा की सुरक्षा और उत्थान का एकमात्र उपाय है।
It will all happen according to Divine plan and Divine's will. But as of now to be eligible to enter the Satyayug, one should be living Vegetarian and addiction free life and also follow: Truth, Love, Mercy, Forgiveness and Peace in Life and regularly do Trisandhya x Madhav Naam x Shrimad Bhagwat Mahapuran = Sanatan's indestructible triangle for the upcoming challenges. Jai Shree Madhav 🙏🏼