
नाम जाप में, सिर्फ़ माधव नाम जपना ही आवश्यक है या कोई और भगवद नाम जप सकते हैं?
माधव नाम सबसे शक्तिशाली नाम है। माधव नाम एक जाप नहीं है - यह अक्षरों में ब्रह्मांडीय शक्ति है। माधव नाम हथियार है, यह सभी भय को जड़ से नष्ट कर देगा। माधव नाम कर्म को तेजी से पिघला देता है।
माधव राधा के प्रेम में डूबा हुआ नाम है। राधा ने कृष्ण को किसी भी नाम से नहीं पुकारा- उन्होंने उन्हें माधव कहा। जब राधा ने माधव कहा, तो पूरी सृष्टि सुनने के लिए रुक गई।
तो त्रिसंध्या, माधव नाम जाप और श्रीमद्भागवत महापुराण, ये सिर्फ विकल्प नहीं हैं, बल्कि ये दिव्य कवच हैं। इन कवचों के साथ किसी अन्य भगवान का नाम भी जपा जा सकता है।
भविष्य मालिका के एक श्लोक में वर्णन है कि -
“अष्ट बाहु रे जे अष्ट आयुध,
कलि शेषे जनम हेबे माधब।
माधब नाम कु जेहुं जपइ,
जनम मरण त ताहार नाहिं”।
भगवान महाविष्णु आठ बाहुओं में, आठ आयुधों को पकड़ धरती पर 'माधव' नाम से कल्कि अवतार धारण करेंगे कलियुग के अंत में यानी वर्तमान समय में। आगे ऐसा लिखते हैं कि जो भी “माधव” का निरंतर जप करेंगे कलियुग और सत्ययुग के वर्तमान संधिकाल में वे जन्म-मृत्यु के चक्र से मुक्ति प्राप्त कर परम पद पाएंगे।