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श्री भगवान को कौन जान सकता है तथा प्राप्त कर सकता है?
कृपया हिंदी में और सही लिखें, अधिकतम सीमा - 300 अक्षर
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Manish Vaswani Ji
9 months ago
स वेद धातुः पदवीं परस्य
दुरन्तवीर्यस्य रथाङ्गपाणेः।
योऽमायया संततयानुवृत्त्या
भजेत तत्पादसरोजगन्धम्॥- श्रीमद् भागवत महापुराण (1.3.38)
चक्रपाणि भगवान् की शक्ति और पराक्रम अनन्त है- उनकी कोई थाह नहीं। वे सारे जगत् के निर्माता होने पर भी उससे सर्वथा परे उनकी लीला के रहस्य को वही जान सकता है, जो नित्य-निरन्तर निष्कपटभाव से उनके चरणकमलों की दिव्य गन्ध का सेवन करता है- सेवाभाव से उनके चरणों का चिन्तन करता रहता है।
शृण्वतः श्रद्धया नित्यं गृणतश्च स्वचेष्टितम्।
कालेन नातिदीर्घेण भगवान् विशते हृदि॥- श्रीमद् भागवत महापुराण (2.8.4)
जो लोग उनकी लीलाओं का श्रद्धा के साथ नित्य श्रवण और कथन करते हैं, उनके हृदय में थोड़े ही समय में भगवान् प्रकट हो जाते हैं।