🙏 जय श्री माधव 🙏

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श्री भगवान को कौन जान सकता है तथा प्राप्त कर सकता है?

कृपया हिंदी में और सही लिखें, अधिकतम सीमा - 300 अक्षर
941 Views 2 Aug 2024
M
10 months ago
स वेद धातुः पदवीं परस्य
दुरन्तवीर्यस्य रथाङ्गपाणेः।
योऽमायया संततयानुवृत्त्या
भजेत तत्पादसरोजगन्धम्॥
- श्रीमद् भागवत महापुराण (1.3.38)

चक्रपाणि भगवान्‌ की शक्ति और पराक्रम अनन्त है- उनकी कोई थाह नहीं। वे सारे जगत्‌ के निर्माता होने पर भी उससे सर्वथा परे उनकी लीला के रहस्य को वही जान सकता है, जो नित्य-निरन्तर निष्कपटभाव से उनके चरणकमलों की दिव्य गन्ध का सेवन करता है- सेवाभाव से उनके चरणों का चिन्तन करता रहता है।

शृण्वतः श्रद्धया नित्यं गृणतश्च स्वचेष्टितम्।
कालेन नातिदीर्घेण भगवान् विशते हृदि॥
- श्रीमद् भागवत महापुराण (2.8.4)

जो लोग उनकी लीलाओं का श्रद्धा के साथ नित्य श्रवण और कथन करते हैं, उनके हृदय में थोड़े ही समय में भगवान् प्रकट हो जाते हैं।

जगन्नाथ संस्कृति, भविष्य मालिका एवं विभिन्न सनातन शास्त्रों के अनुसार कलियुग का अंत हो चुका है तथा 2032 से सत्ययुग की शुरुआत होगी।
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