🙏 जय श्री माधव 🙏

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27 जून को रथयात्रा के शुभ दिन में मैंने भगवान कल्कि के गौर वर्ण रूप के दर्शन किए। इसका क्या संकेत है ?

कृपया हिंदी में और सही लिखें, अधिकतम सीमा - 300 अक्षर
61 Views 30 Jun 2025
@MadhuKumari Madhu Kumari Profile Pic on Bhavishya Malika Website
3 days ago

परम पूजनीय पंडित काशीनाथ मिश्र जी ने 27 जून रथयात्रा से पहले ही अपने होने वाले लगातार तीन बार इंटरव्यूज में यह बात स्पष्ट कर दी थी कि 27 जून को रथयात्रा में कुछ बड़ा परिवर्तन या कुछ बडी़ अनहोनी हो सकती है।


इस बार रथयात्रा भी 27 तारीख को पड़ रही है जो भगवान कल्कि के मुख्य अंको में से एक है और इसका प्रमाण भी मिल चुका है । जिनमें से कुछ प्रमाण इस प्रकार है-

  • रथयात्रा के पहले ही दिन सैकड़ो लोग बीमार हुए और हर समय एम्बुलेंस लगातार दौड़ती रही ।
           जिसमें 600 से भी अधिक लोगों को हॉस्पिटल में             एडमिट किया गया।

  • इसके बाद रथयात्रा के दौरान गुडिंचा मंदिर में भगदड़ से तीन लोगों की मौत हो गयी ।

  • अहमदाबाद में रथयात्रा के दौरान हाथी बेकाबू हुए जिससे भगदड़ में कई शख्स घायल हुए ।

  • कानपुर में जगन्नाथ रथयात्रा के दौरान बवाल, मारपीट और पथराव होने से कई लोग घायल हुए ।

अतः इन सभी प्रमाणों के आधार पर यह कहा जा सकता है कि पंडित जी की कही हुई हर बात भगवान जगन्नाथ जी की दिव्य वाणी है, जो कभी असत्य नहीं होगी। 

भविष्य मालिका के अनुसार, जो भक्त लोग त्रिसंध्या, माधव नाम का जप या भजन और श्री मद्भागवत् महापुराण का प्रतिदिन पठन करेंगे, उनका अच्छा समय आ रहा है और भगवान उन्हें अनेकों संकेत देगें और उन्हें दिव्य अनुभूतियाँ एवं परम आनंद प्रदान करेंगे।

द्वापरयुग में भगवान सांवले रंग में धरावतरण किए थे लेकिन इस बार भगवान गौर वर्ण में भक्तों को परम सुख प्रदान करेंगें।

सभी सच्चे भक्तों को वे अपने होने का दिव्य अनुभव देंगे कि वे उनसे दूर नहीं बल्कि उनके पास ही हैं, भक्तवत्सल भगवान अपने भक्तों को सपने के माध्यम से या किसी अन्य माध्यम से भी दर्शन देकर उनको दिव्य अनुभूती प्रदान करेंगे, जिससे सभी सच्चे भक्तगण अति आनंदित होंगे। 

इसलिए सभी सच्चे भक्तों को त्रिसंध्या, माधव नाम भजन और श्री मद्भागवत् महापुराण नित्य पठन आवश्यक है जिससे उनकी सभी प्रकार के संकटो से रक्षा होगी ।
जगन्नाथ संस्कृति, भविष्य मालिका एवं विभिन्न सनातन शास्त्रों के अनुसार कलियुग का अंत हो चुका है तथा 2032 से सत्ययुग की शुरुआत होगी।
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