🙏 जय श्री माधव 🙏

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भविष्य मालिका अति गुप्त ग्रंथ क्यों है?

कृपया हिंदी में और सही लिखें, अधिकतम सीमा - 300 अक्षर
नैतत् परस्मा आख्येयं पृष्टट्यापि कथञ्च।
सर्वं सम्पद्यते देवि देवगुह्यं सुसंवृतम्॥
- श्रीमद् भागवत महापुराण (8.17.20)

जब देवताओं से दैत्य राजा बलि ने स्वर्ग छीन लिया था उस समय अपने पति कश्यप जी के कहने से माता अदिति ने पयोव्रत रखा और जिससे प्रसन्न होकर भगवान ने उन्हें दर्शन दिये और उनके पुत्र के रूप में अवतार लेने का वचन दिया,

श्री भगवान माता अदिति को बोलते हैं, ये गुप्त बात आप किसी को भी मत बताना क्योंकि देवताओं की बात को हमेशा गुप्त रखना चाहिए उसी से उनके कार्य सिद्ध होते हैं।

इससे यह स्पष्ट होता है कि भगवान के अवतार के विषय में कही हुई बातें अत्यंत गुप्त होती हैं, जिसका पता भगवान की इच्छा से कुछ ही लोगों को होता है।

द्वापद् युग में भी जब भगवान श्री कृष्ण का अविर्भाव हुआ तो सिर्फ ब्रज के ही चंद लोग उन्हें भगवान हैं यह पहचान पाते थे।

स्वयं ब्रह्मा जी भी जिनकी माया से मोहित होकर ग्वाल बालों को उनकी गायों के सहित हर कर ले गए सिर्फ यह पहचानने के लिए कि क्या ये सच में भगवान ही हैं।

आज कलियुग के मूढ़ मानव जो तर्क वितर्क करते हैं उन्हें भगवान के इन अति गुप्त रहस्यों को जानना और समझना अति आवश्यक है।

जगन्नाथ संस्कृति, भविष्य मालिका एवं विभिन्न सनातन शास्त्रों के अनुसार कलियुग का अंत हो चुका है तथा 2032 से सत्ययुग की शुरुआत होगी।
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